NEELAM GUPTA

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लेखनी प्रतियोगिता -23-Nov-2021 दुनिया का हाल 50 साल बाद

50 साल बाद फ्यूचर फिक्शन


लड़कियों ने शादी से इनकार कर दिया है सबको आजादी चाहिए।राहुल को एक.रोबोटिक लड़की चाहिए।आफिस में काम कर पैसे भी कमाएं और घरेलू भी हो। मात-पिता से तो कोई मतलब नहीं लेकिन अपने कार्य भी नहीं करना चाहते।

वैसे भी लड़कियों की शॉर्टेज हो गई है सभी अबॉर्शन कराकर लड़कियों की संख्या कम कर दी है ।हर घर में काम के लिए एक रोबोट ले आए हैं क्योंकि अपने शरीरों में तो कुछ बचा ही नहीं है। न शक्ति न एनर्जी ।बस होमडिलीवरी वाले रोबोट से आर्डर कर फास्ट फूड खाते हैं और बिस्तर पर आराम फरमाते हैं। वर्क फ्रॉम होम चलता है। अकाउंट में पैसे आ जाते हैं और उसी पैसे से मौज उड़ाते हैं सारा पैसा बीमारियों में और रोबोट खरीदने में जा रहा है।

कुछ लड़कियां बची है वह भी शादी करने को तैयार नहीं है।घर का काम कौन संभालेगा। जो इंसान बचे हैं वह भी रोबोटिक हो गए हैं। किसी को किसी के सुख दुख से कोई मतलब नहीं सिर्फ अपनी जिंदगी में जीना चाहते हैं। मंदिरों और धर्म संस्थानों की हुई बुरी हालत होती जा रही है कोई धर्म में विश्वास नहीं रखता सिर्फ अपने में मस्त। खाओ पियो ऐश करो यही सब का मंत्र रह जाएगा।

राहुल और रीमा की इसी तरह जीते हैं यदि कोई गलती से भी गर्भवती भी हो जाए तो ऑपरेशन करा लेते हैं बच्चे ना होने का।क्यों कि बच्चे की जिम्मेदारी कौन संभालेगा वैसे भी;ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही है यह दुनिया कब तक चलेगी। एक दिन इस दुनिया को खात्मा होना ही है तकनीकी और इंटरनेट की दुनिया रह जाएगी।

जो थोड़े सी इंसान बचेंगे वह भी बहुत दूर-दूर रहेंगे और इंटरनेट द्वारा आपस में बातें करेंगे तकनीकी इतनी बढ़ जाएगी ऐसा लगेगा सामने खड़ा ही व्यक्ति सारे काम कर रहा है और बातें कर रहा है सारा जीवन मशीनीकरण हो जाएगा।

रिमोट चलाने की भी जरूरत नहीं सोचने भर से, सेंसर काम करेगा क्योंकि सबके दिमाग में एक चिप सेट कर दी जाएगी।

पीने का पानी मिलना बंद हो जाएगा । जो इंसान बचे हैं वह खरीद कर पानी पिएंगे।

ऑक्सीजन खत्म क्योंकि जंगल ही नहीं बचेंगे तो ऑक्सीजन कहां से आएगी हर जगह कारखाने इंटरनेट और तकनीकी की भरमार होगी। सिर्फ रोबोट ही जिंदा रह सकेंगे। रोबोटिक दुनिया बन जाएगी धीरे-धीरे इस दुनिया से इंसान का नामोनिशान खत्म हो जाएगा।

न अनाज बचेगा ,न खाने वाले बचेंगे ,न हवा पानी शुद्ध होगें। क्योंकि रोबोट को तो वैसे भी हवा पानी से कोई मतलब नहीं सिर्फ बिजली से चार्ज होंगे।


धू-धू करके चल जाएगीं ,यह दुनिया की आबोहवा।

घुट घुट कर मर जाएंगे, जब गहराएगा यह समा।


किसी को किसी की तकलीफ से न रहेगा वास्ता।

अपनी मस्ती में जिएंगे नापेंगे अपना अपना रास्ता।


न हसीं होगी न आंसू जब इंसान ही खत्म हो जाएगा।

दिलों में कड़वाहट बस जाएगी मिठास का नामो निशान मिट जाएगा।


दान धर्म से नहीं किसी का रहेगा कोई लेना देना।

जो बोओगें वही मिलेगा, बाद में इंसान पछताएगा।


लिंग की पहचान में ,दुनिया के रचयिता को खो देंगे।

जब न बचेगी नारी ,तो औलाद कहाँ से पाओगे।


नीलम गुप्ता नजरिया दिल्ली


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11 Comments

Seema Priyadarshini sahay

24-Nov-2021 12:46 AM

बहुत खूबसूरत सोच

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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

23-Nov-2021 11:05 PM

Wah wah

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NEELAM GUPTA

23-Nov-2021 11:30 PM

आभार जी 🙏🙏

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Zakirhusain Abbas Chougule

23-Nov-2021 10:49 PM

Nice

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NEELAM GUPTA

23-Nov-2021 11:30 PM

आभार जी🙏🙏

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